मैं अज आपको यह बताने आया हूं की। जो पंजाबी भाषा है वो गुरु रविदास जी द्वरा लिखी गयी है। जब गुरू रविदास जी का जन्म हुया तो उस समय दलित जाती के लोगों की दशा कुछ अच्छी नही थी । उनको पढ़ने लिखने का कोई अधिकार नहीं था । देवनागरी को पढ़ने का दलितों के पास कोई हक़ नही था। यह दशा देखते हुए गुरू रविदास जी माहाराज ने पैंतीस अखरी की रचना की